बादलों का नाम न हो, अम्बर के गाँवों में
जलता हो जँगल खुद अपनी छाँव में

आओ तुम और हम दर्द को बाँसुरी बनाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं

मुश्किल है जीना उम्मीद के बिना
थोड़े से सपने सजाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं
थोड़ा सा रूमानी हो जाएं

Hindi Whatsapp-Status by MILIND KALPANA RAJARAM DHANAWADE : 111315949

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