एहसास (कविता)

तुमसे मिलने से पहले
सर्दी के कोहरे सी
शांत, ठहरी ,जमी हुई
कुछ धुंधली सी थी जिंदगी ।।

तुमसे मिलने से पहले
ओढे बर्फ की चादर
सिमटी हुई दायरे में अपनी
कुछ बेरंग सी थी जिंदगी।।

सर्दी की गुनगुनी धूप सा
पाकर सुखद एहसास तुम्हारा
सूरज की किरणों सी खिल
मुस्करा उठी है जिंदगी।।

सरोज ✍️


-

Hindi Poem by Saroj Prajapati : 111313466

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now