मैंने भी सोच कि गुनाह किया जाऐ
कियो ना एक लडकी से प्यार किऐ जाऐ
दिल से कैसी भी हो पर तन से खुबसूरत होनी चाहीए
दिल तो टुटे जाने हैं मैंने कौन सा रिश्ता बाने हैं
मैंने तो लोगों को दिखान हैं इस प्यार करता हूँ
अपने दोस्तो को जलाने हैं
मैंने कोने सा रिश्ता निभाने है
बस ऐस लिए उसकी जिदगी से लोटे आने हैं

Hindi Poem by Amit Katara : 111286745

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