नित पूरब से पश्चिम तक आता जाता सूरज,
मानव को जगा जगा कर उर्जा देता सूरज ,
सदियों से प्रभात जागरण दुहराता है।
जीवन में भरने उल्लास निस दिन आता है ।
रे मनुष्य तोड़ो आलस ,
देती शक्ति सूर्यप्रकाश ,
जो कभी नहीं घटता है।

Hindi Motivational by Mukteshwar Prasad Singh : 111284573

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now