फुर्सत नही जरा सी ,मुख़ालिफ़-ए-दीदार की ..
इल्तिफ़ात-ए-मसरुफ़ियत बस अदा है हमारी ...

महफिल-ए-इल्लिफत में बदला जो मुख़ालिक अंदाज को ..
फुरसत ही फुरसत निकल आया ,महफिल-ए अंदाज को ...

Hindi Blog by jagrut Patel pij : 111277392

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now