बदल के तो देखो
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मेरी आंखों मे पिघल के तो देखो
अकेलेपनमे यार जल के तो देखो

मेरा भर गया खालीपन केहता रहा
पर, एक बार मुझमें ढलके तो देखो

कितनी सख्त है फासलो की दीवारे
रोज मरती सांसे संभलके तो देखो

रूख्सत होउ तेरा अक्स आँखोमे हो
ईरादे मेरे है यार , बदलके तो देखो
Sabirkhan, surat

Hindi Poem by SABIRKHAN : 111276758

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