सूख गई है नदी, अब तो भीगी रेत से उम्मीद है,
टूट गए सारे ख्वाब,अब फिर नींद से उम्मीद है,
खो गईं पंक्तियां सारी, मन में उठी चुभन से उम्मीद है
आंसूओं के घाट पर, दिल में किसी घुटन से उम्मीद है

Hindi Good Night by Kushal Singh : 111275638

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now