तिजोरी पर चर्चा
यशवंत कोठारी

दीपावली के अवसर पर सभी चर्चाएं बिना तिजोरी की चर्चा के अधूरी है तथा धन के देवता कुबेर ने भी धन को तिजोरी में ही रखा होगा। सरकारी खजाना हो या व्यक्तिगत धन तिजोरी में ही रखा जाता है तथा रखा जाना चाहिए।
पुराने समय में भी धन को लोहे या लकड़ी की तिजोरी में ही रखा जाता या घर के अन्दर तहखाने में या एक विशेप कमरे में एक लोहे या लकड़ी की मजबूत पेटी रखी रहती है, जिसमे नकदी, सोना, चांदी तथा अन्य मूल्यवान वस्तुओं को सुरक्षित रखा जाता है। इसी प्रकार व्यावसायिक प्रतिप्ठानों, दुकानों आदि में धन को तिजोरी या गल्ले में रखने की परम्परा है। तिजोरी मजबूत लोहे की बनी होती है, गुल्लक या गल्ला लकड़ी या चदर की बनी पेटी होती है। आजकल लोहे की अलमारियों में ही एक खण्ड को तिजोरी का रुप दिया जाता है।
व्यापारिक वर्ग इसी गल्लेया तिजोरी पर गणेश तथा लक्ष्मी के चित्र बनाकर पूजा करते है।

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