#ग़ज़ल ✍️✍️✍️
तेरी गोद में सर रखकर सो जाऊँ कभी
यूँ तेरी बाहों में खो जाऊँ कभी
यह आरज़ू, यह तमन्ना दिल में लिए फिरता हूँ,
तू मेरी, मैं तेरा हो जाऊँ कभी
तेरे आने का इंतजार हर रोज़ किया करता हूँ,
तू आये तो घर अपना सजाऊँ कभी
तू आँख बंद कर कोई दुआ माँग लेना,
मैं सितारा बन आसमां में जो टूट जाऊँ कभी
चराग़-ए-मुहब्बत अपने दिल में रोशन रखना,
बहा लेना दो आँसू, जो बुझ जाऊँ कभी
उनको देखे जैसे ज़माने हो गए,
दिखा देना अपनी सूरत गर मर जाऊँ कभी..
तेरी गोद में सर रखकर सो जाऊँ कभी....
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लेखकः हैदर अली ख़ान
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