कहाँ है मेरा आसमां,
जिसमें आजाद हर समा,
उम्मीदों की धूप प्रज्वलित लिए,
कहाँ है मेरा आसमां

बाधाओं के बादलों से भरा,
बेमौसम तूफ़ानों से भरा,
ये जहां, कब खिलेगा
साफ मौसम की तरह,

कहाँ है मेरा आसमां,
जो है उम्मीद से भरा

- नि'खिल'

Hindi Poem by Nikhil Suthar : 111267576

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