क्यों ना आज इक बार ख़ुद के भीतर भी झांका जाए,
इक तीर राम का मन में छिपे रावण पर चलाया जाए।
. . . सच तो यही है कि हम कभी जला ही नहीं पाए #दशानन को। अभी भी मिलते हैं चहुं और उसके अवगुणों के सर।

विजयादशमी का यह त्यौहार सभी के जीवन में लाये खुशियाँ अपार और #श्रीराम करे सभी के यहाँ सुखों की बरसात, ऐसी शुभकामना हो हमारी स्वीकार…!!
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/वीर /

?༺꧁जय श्री राम꧂༻?

Hindi Thought by VIRENDER  VEER  MEHTA : 111267271

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