तेरी रजा रहे.. और तू ही तू रहे,
बाकी न मैं रहूँ.. न मेरी आरजू रहे,
जब तक कि तन में जान.. रगों मे लहू रहे,
बस तेरा हो जिक्र या तेरी जुस्तजू रहे।

Hindi Shayri by Raj : 111266931

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now