मैने कभी ये सोच के कोई अच्छा काम नहीं किया, कि गांधीगिरि करूंगी, बस बचपन के संस्कार ऐसे थे, कि ग़लत करने की कभी हिम्मत नहीं हुई. झूठ बोलना पाप है- बताया था हमारे पापाजी ने, और आज भी झूठ से कोसों दूर हूं. सो बिना किसी प्रयास के लगभग रोज़ ही गांधीगिरि करती रहती हूं. खून में शामिल हो गयी है ये गांधीगिरि अब तो..... :) लिखने पर लगता है, जैसे मनगढ़ंत बात हो, लेकिन सच यही है, कि मेरी इस गांधीगिरि से मेरे परिवार वाले बहुत घबराते हैं. पतिदेव तो कहते हैं- ’किसी दिन घेरी जाओगी’ लेकिन क्या करूं... आदत से मजबूर हूं. आदत यानी वही-गांधीगिरि :)
#गांधीगिरि

Hindi Gandhigiri by vandana A dubey : 111264818

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