खुद से किया आज एक वादा है , अपने कल को भुलाना है । उस गली , उस दरवाजे पर जा कर फिर से वापस यही आ जाना है । जो भी हुआ , जैसे भी हुआ खुद को मजबूत बनाना है । अपने आज को बेहतर बनाना है , बीते हुए लम्हों को भूल कर आज यही मुस्कुराना है ।

Hindi Poem by short sweet : 111261368

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