ज़रा देर से ही सही , पर सफलता का स्वाद चखा मैंने । अपनो का साथ अपनो का विश्वास था कि हमसे सब हो पाएगा । कभी - कभी कदम लड़खड़ाए भी , चोट भी लगी पर नजर सिर्फ मंज़िल पर थी। आज वो सब मिला जिसके हकदार थे हम ।

Hindi Poem by short sweet : 111261281

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