तुम "बेटियां" हो "आज" की
तुम "आवाज "हो "आगाज़" की
तुम "अंजाम" हो "समाज" की
तुम "नाज" हो "एहसास" की
तुम्हारे बगैर "संसार" नहीं
तुमसे अच्छा "धरा" पर
कोई अनुपम उपहार नहीं
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#अनामिका

Hindi Shayri by डॉ अनामिका : 111260088

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