कुछ दिन बित गये,
कुछ रात गुजर गई,
ए शाम ढल गई,
कुछ लम्हे खो गए,
कुछ याद आ गए,
सफर जितना तय किया था
उतना ही गुजरा,
ना हम बदले ना हालात।

Hindi Shayri by Darshita Hidad : 111258392
Er.Bhargav Joshi અડિયલ 5 years ago

તો હવે શું કરશો ??? ?????

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