#गजल #प्रिन्शु_लोकेश
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बड़े नमाज़ी बनते हो मस्जिद भी जाया करो।
क्या लिफ़ाफिया में हो कुछ तो नुमायां करो।

तल्खिया बहुत है आजकल जुवां पे तुम्हारे
एक काम करो घर में बैठे गुड़ ही खाया करो।

दुसरो से सुनने मे आया इश्क़ दूसरा हो गया तुम्हें
यार कभी तो तुम भी ताज़ी खबर सुनाया करो।

हमें ठुकरा गये हो कि मजहब नहीं मिलता
यार जात से नहीं अहल-ए-वतन बुलाया करो।

इसीलिए हमने भी नहीं रखी दावत-ए-वलीमा
जाओ जिस्म बेच बेचकर खूब कमाया करो।

बुरा तो बहुत लगा होगा तुम्हें पर झूठ कैसे बोलूं
झूठ ही सुनना हो तो अदालत में आया करो।
#prinshulokesh

Hindi Shayri by प्रिन्शु लोकेश तिवारी : 111246621

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