जिंदगी चलती जा रही है राहों से होकर बेखबर,
सफर तय कर रहे हैं मंजिलों से अनजान होकर।
अब तो आरजू है कुछ करने की ख्वाहिश,shubh!
जिन्हें पाने की दुआ कर रहे हैं दामन फैलाकर.....

Hindi Shayri by Shubhra Dixit : 111238250

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