कही एसा ना हो की
तुम्हें मैं भुल जाऊ
तेरी यादो के बंधन को
उसी रास्तो पे छोड आऊ
सोचा तो मैंने भी था
तुम्हें भुल जाना है
लेकिन ये दिल की
धड़कन को कहा
पर रोक आऊ
अगर बेवफ़ा हूँ मैं तो
उसी रास्ते पे मैं
न जाने क्यों
तेरे साथ रो रहा हूँ

Hindi Shayri by Heena katariya : 111235808

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