जुलाई बारह के पन्नों में तस्दीक सी एक दर्ज थी,

'ये जो फैला दिया करते हो ना हाथ पर रख दिल अपना!

ये शहर इतना भी अमीर नहीं जो तुम्हारी गरीबी समझे।'

'मस्त' मैकश

Hindi Good Night by Shreyas Apoorv Narain : 111235618

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