गम को पी कर चुप रहता है
यह दिल अक्सर चुप रहता है

कभी न लब पर शिकवा लाता
चोट भी खा कर चुप रहता है

जब भी मिलता है वह मुझ से
नयन झुका कर चुप रहता है


बोला करती हैं तहरीरें
हर इक अक्षर चुप रहता है

आंसू कह देते हैं सब कुछ
दिल का नश्तर चुप रहता है ।

Hindi Thought by masiha : 111227922

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