मत झुका ये हाथ तू किसी के सामने ।
ना शर्मिंदा कर परिवार को किसी के सामने ।।
वो देख उन लोग के जुनून को ।
जो बिना हाथ के भी किसी के सामने हाथ नहीं फैला रहे ।।
जो बिना पैर के भी अपने पैर पर खड़े है ।
जो बिना ऑख के भी अपना रास्ता खुद तय कर रहें है ।।
वो देख उस 90 वषींय वृद्धा को जो आज भी लोगों को चाय पिला कर अपना गुजारा कर रही है ।
चल उठ खड़ा हो अपने पैरों पर ।।
ले परिवार की जिम्मेदारी अपने कन्धों पर ।
कर उनका गुजारा अपनी मेहनत पर ।।
निभा अपने बाप होने का फर्ज ।
दे अच्छी शिक्षा अपने बच्चों को ।।
ताकि ना फैलाना पड़े हाथ उनको किसी के सामने ।
चल उठ खड़ा हो अपने पैरों पर ।।
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कल्याण सिंह