याद है वो इश्क़ की दास्तान,जो तुमने मेरे कंधे पे अपने हाथ रखकर,मेरी आंखों में अपनी आंखे मिलाकर,रोते हुए कही थी,ये तुम ही हो?
तो क्या मैं वो नहीं?
हिस्सा जिस्म में जो तुमने मेरा कर रखा है, उसी दिल से पूछो कि आख़िर गुनाह क्या है?

Gujarati Good Night by Jigisha Raj : 111211114

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