पत्तोऺकी सरसराहटको
गौरसे सुन रहा हूं,
कहीं
हलकी-सी
पायलकी छनछनाहट तो नहीं साथमें?
सालोऺ पहले
ऐसे ही मौसममें
तुम आई थी।

English Romance by J R Nayi : 111196096

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