मैं अनजान सा यायावर हूँ, जिसे तलाश-ए-मंज़िल है,
काफिले में मंज़िल पाने वाले मुझसे बड़े क़ाबिल है।

मुझको मुश्किल सफर में राहजन का ही खतरा नही,
"पागल" इस रास्ते में बहुत से अनजान कातिल है।

✍?"पागल"✍?

English Shayri by Prafull Pandya : 111195358

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