आँखें थोड़ी थोड़ी शबनमी रह जाएगी,
मेरी ज़िन्दगी में आपकी कमी रह जाएगी।

बीते वक़्त के साथ मेरी याद नही आएगी,
उन यादों पर धूल की परतें जमी रह जाएगी।

हर शाम महफ़िल जम कर फिर बिखर जाएगी,
शमा बुझ जाएगी पर दिलों में शमी रह जाएगी।

दिलों में लगी आग तो आँसुओं से बुझ जाएगी,
ज़िन्दगी भर उस आग की गरमी रह जाएगी।

खुदा करे मुझे फिर कभी तुम्हारी याद न आये,
"पागल'" याद आई तो आँखों में नमी रह जाएगी।

✍?"पागल"✍?

शमी - आग

English Shayri by Prafull Pandya : 111195348

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