किसी के जख़्म का #मरहम
तो किसी के ग़म का इलाज़ हुं में
लोगों ने बाँट रखा है मुझे
खुद के इलाज ऐ दवा की तरह।

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Gujarati Shayri by ANKIT THAKKAR : 111189343

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