एक भानुपुर कि ऐसी राजकुमारी जो जन्म जात है तो राजकुमारी मगर


समय ने उसे डाकुरानी बनाया है।
उसे न महाराजा रोक पाए
ना समय
ना यज्ञ-हवन


हवा ने अपना रुख बदल लिया।
समय ने अपनी करवट बदली
राजकुमारी डाकुरानी बन गई



महाराजा की थू थू होने लगी।




नीति नियम को न तोड़ने वाले महाराजा को अपनी छोटी राजकुमारी ने मात दी।



राजा की बेटी होते हुए महाराजा उसे बहोत प्यार करते।

महारानी की आंखों का तारा।

आज एक डाकुरानी बनी अपने ही बापू के सामने लड़ने के लिए।



पढिए अवश्य












हाय, मातृभारती पर इस कहानी 'जंग-ए-जिंदगी भाग-१' पढ़ें
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Hindi Book-Review by radha : 111173785

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