॥ कतरा – कतरा ॥

कतरा - कतरा जोड़ - जोड़ कर,
हमने अपना नीड़ बनाया ।
कुछ खुशियाँ कुछ ग़म की सरगम,
फिर जीवन संगीत सजाया ॥

अपने, गैर मिले हैं जो भी
सबको हँसकर गले लगाया ।
जहाँ उठीं नफरत की आँधीं
वहीं प्रेम का दीप जलाया ॥

- उदय

Hindi Good Morning by Udayvir Singh : 111172242

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now