नासमझ बन के महफ़िल में अदाकारी नही करता,
में चेहरे पे कभी झूठी अदाकारी नही करता,,
मेरे दुश्मन मेरे मिज़ाज़ से वाकिफ नही है शायद,,,
में जिसको दोस्त कह दूँ उससे गद्दारी नही करता,,,

#Vishu Instant Shayri..✍?

English Shayri by Vishu Jain : 111172002

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now