#काव्योत्सव

कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम हैं कहना ...!


कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम हैं कहना ,

ग़र कोई कुछ बोले तो चुप तुम भी मत रहना 

पर कब क्या बोलना हैं , और कब मौन रहना 

ये तो तुम्हीं को तय है करना 

कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम हैं कहना | 

 जिन्हें न कभी देखा , जाना या परखा 

उन अनदेखे , अनजाने और समाज के ठेकेदारों  के लिए  

 क्यों तुम्हे हैं , सब कुछ सहना?  ,

रहे हरफ़नमौला और चले उन राहों पर 

जिन पर हमें हैं , चलना 

 कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम हैं कहना   ......|

सबके अपने दुःख, अपनी तकलीफें ,अपने रहस्य है 

पर मुख़ पर मौन हैं बसता 

औरों के जलते घर देख सबको यही लगता 
मैं अकेला नहीं घर- घर का यह तो सिनेमा 

बड़े बजुर्ग कह गए सारे 

पीऱ पराई कोई क्या जाने 

जिस तन गुजरे वही जाने 

फिर क्यों लोगों का सोचना 

कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम हैं कहना   ...|     

     

ये तो जग की रीत पुरानी 

जिसने ग़ैरों की धुन पर बीन बजाई  

हरदम मुँह की खाईं ,

सीता भी  यहाँ तो पवित्र न जानी 

जब एक धोबी की बात राम ने मानी   

भगवान के अवतार थे पर 

वनवास  था झेला 

फिर क्यों संसार की बातो में क्यों

रोये तू दिन-रैना 

कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम हैं कहना  ...  |

     

ग़र जो लोगों की सुन हार जो तुमने मानी 

अपने मन की न सुन ग़ैरों की जो गाँठ बाँधी

तो उनको तू कुछ न कह पायेगा 

पर तुम्हारा यह अमूल्य जीवन युही बीत जायेगा 

जाल में आकर ग़ैरों के 

तू क्यों जलाये अपना बसा  बसेरा 

क्यों खोये मन का  चैना

कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम हैं कहना  ..|

जिस पल तू जागा 

होगा नया सवेरा 

मज़ाक उड़ेगा , लोग हसेंगे 

पर तभी तो उठकर फिर से संभलेगा 

बात है तुझमे कुछ खास 

बस इसलिए तो तुझपर होते कटाक्ष 

बस तू कर्म अपना करता जा 

कर्तव्य पथ पर कदम बढ़ाता जा 

क्युकी कुछ तो लोग कहेंगे 

लोगों का काम है कहना |

दूर से खुशहाल हैं किसी का रेन -बसेरा 

पर हैं उतना ही गहरा  घना अँधेरा 

सबका हैं, ये नसीब अपना- अपना 

कुछ तो लोग कहेंगे 

लोगों का काम हैं कहना ।



अंजलि व्यास

                        

Hindi Poem by Anjali Dharam Dutt Vyas : 111171438

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