कभी कभी एक जीवन भी
कम पड़ता है जीने के लिए,
कुछ उम्मीदे भी अधूरी रह जाती है,
कुछ ख्वाब भी, अधूरे रह जाते है।
अरमानो की कश्तियों में छेद पड़ जाता है,
बिना तूफान के ही, सब उड़ जाता है।
लाख कोशिशों के बाद भी,
मुक्कमल जहा, नही मिलता।
पर उम्मीदों का दामन न हम छोड़ेंगे,
मंज़िल अपनी पाने को हम फिर दौडगे।
इस जनम में नही मिला सब कुछ तो क्या हुआ?
एक और उम्र लेकर, हम फिर आयगे,
हर अधुरी ख्वाहिशो को,
पूरी करके रहेंगे,
इस जनम जो न मिला,
उसे अगले जनम में पाकर ही रहेगे।