#kavyotsav -2
#गावँ_और_आधुनिकता
बहुत दिनों बाद मैं गावँ लौटा था
देख दशा गावँ की आँखे रह गयी खुली
मन में ऐसे कितने प्रश्न उठ रहे थे
जामुन , बरगद, और नीम कट गए
कहाँ गये चिड़ियों का झुण्ड?
बच्चे खेलते नही दिख रहे
कहाँ गए गायों का झुण्ड?
इतने में बोल उठा
उनका पड़ोसी आम का पेड़
जमुना तो विवादित ही था
बरगद चढ़ा स्कूल का भेंट
नीम कटवा दिया सरपंच ने
जो पड़ रहा था सड़क के बीच
बच्चे तो खेला करते है
अब केवल ऑनलाइन गेम
पेड़ो के कट जाने से
कहाँ रहेंगी चिड़ियों का झुंड
खेती करने वाले किसान घट गये
कौन रखे गायों का समूह
तुम भी तो अब शहरी दीखते हो
और तुम कवि दिखते हो
तुम भी वही कर जाओगें
केवल पन्नो में लिख जाओगे
हमको हमपे छोड़ जाओगे
गावँ और किसान को बना दिए
तुमने कविता की विषय-वस्तु
जिसपर केवल लिख तुम लिख देते हो
अमल तुम कुछ नही करते हों।।

Hindi Poem by Dileep Kushwaha : 111166906

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