#काव्योत्सव2 #प्रेम
उम्र भर के लिए सनम
तेरा साथ चाहती हूँ
जो मेरे दिल में हैं
तेरे दिल में वही
जज़्बात चाहती हूँ
तू मेरा नहीं हो सकता
इसका इल्म है मुझे
फिर भी तू मेरा रहे
ऐसे हालात चाहती हूँ
सुबह सवेरे नहीं ना सही,
किसी भीगी सी शाम सही,
मैं तुमसे एक अदद,
लम्बी सी मुलाकात चाहती हूँ