#Kavyotsav2
Emotions (भावना)
बेटियाँ
आँगन में चिड़िया चहचहाने आ गई
लगा बिटिया अब्बा-अब्बा बुलाने आ गई
चिड़िया चू-चू, कोयल कू-कू, गिलहरी कूद रही हैं
बाप की न सही बाग की बेटियाँ तो झूले झूल रही हैं
बाबा बेटो को ज़मीन या सारी जागीर दे दो
बेटी को तो बस किताबें और तालीम दे दो
जहाँ बेटे जन्मे उनके परिवार पूरे हो गए
बूढ़े की तीन बेटियाँ थी उसके ख़्वाब पूरे हो गए
बाप ऐबी था और माँ कमज़ोर बन गई
उस घर की बेटियाँ बेटे बन गई
माँ-बाप के गुज़रते ही हिस्सा मांगने आई हैं
बेटे मकान लेने आए बेटियाँ पेटियाँ लेने आई हैं
फूल सूख जाए तो तितलियों को उलहाने न दो
हादसे के बाद बेटियों को मुरझाने न दो
कोई कुत्ता काट जाए तो भी घर से निकलने दो
सावित्री तो हैं बेटी इसे लक्ष्मीबाई भी बनने दो
जिस समाज में अस्मिता एक लिबास हैं
वहाँ की बेटी कल भी थी और आज भी उदास हैं
इस देश की बेटी लड़ाकू विमान उड़ाएगी
ज़मीं संभाली हैं अब क्षितिज भी बचाएंगी