#kavyotsav -2
##स्टूडेंटस की बेरोजगारी##
आये है सपनों की दुनिया में
अपने- अपने अरमा लेके
Ssc, upsc का ख्वाब लेके
सफर है कठिन भापकर आये है
इज्जत अपना साथ लेके आये है
करते है मेहनत इस कदर
रह न जाय इस बार कोई कसर
रात भी दिन सा लगता है
आँख अपलक खुला रहता है
ये शारीरिक बीमारी नही
मानसिक बीमारी है साहब!
सिलेबस रूपी सिरप पीना पड़ता है
कोचिंग रूपी इंजेक्शन लेना पड़ता है
रिवीजन रूपी दवा निगलना पड़ता है
सही नही होती बीमारी
रह जाता कैंसर जैसी बेरोज़गारी
नही है जिसका ईलाज कोई!!!।

Hindi Poem by Dileep Kushwaha : 111164466

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