1. मेरी अभिलाषा
मैं भी महसूस करना चाहती हूँ माँ
जो तुमने महसूस किया था
जब मैं तुम्हारे उदर में आई
क्या परिवर्तन हुआ तुम्हारे जीवन में
मैं भी वही परिवर्तन
अपने जीवन में चाहती हूँ
क्या होता माँ बनने का सुख
मैं यह जान न पाई
पर मैं भी जानना चाहती हूँ माँ
तुम तो सब जानती हो माँ
फिर कुछ क्यों नहीं करती
आज फिर तुम मेरे लिए
भगवान से क्यों नहीं लड़ती
क्यों तुम मेरी किस्मत नहीं बदलती
क्या माँ तुम भी बदल गई हो
मेरे लिए औरों की तरह
-आशा रौतेला मेहरा
2. मेरी गुड़िया
मेरी गुड़िया तुम आ जाती एक बार
धूल जाता मेरे जीवन से गमों का भार
मैं भी तुम संग बच्ची बन जाती
बचपन को फिर मैं अपने वापस बुलाती
तुम आ जाती एक बार मेरी गुड़िया
तुम आ जाती एक बार
प्रश्नचिह्न लगा है आस्तित्व पर मेरे बेटी
मातृत्व मेरा चित्कार कर रहा है
तुझे पाने की गुहार कर रहा है
नहीं सहे जाते मेरी गुड़िया
इस दुनिया के ताने अब
बिन अपराध के मैं सजा काट रही हूँ
अपना दुख नहीं किसी से बाँट रही हूँ
किससे कहूँ कोई नहीं समझेगा मेरी व्यथा
इसलिए नहीं कहती हूँ किसी से मैं अपनी कथा
तुम जब आओगी मेरे आँंगन में
तुमसे बाँचूगी मैं अपना सुख-दुख
जो बरसों से समाहित हैें मेरे भीतर
निकल जायेगा मेरे जीवन से वो सारा विषाद
तुम आ जाओ एक बार मेरी गुड़िया
तुम आ जाओ एक बार।
-आशा रौतेला मेहरा