#काव्योत्सव -2
गढ़ने से पहले
मिट्टी को धूप में भलीभांति सुखाकर
खत्म किया
स्वाभिमान का पानी
वह आश्वस्त होना चाहता था ऐसा करके
'टिकाऊ बने रहने के लिए
ज़रूरी था फफूंद का इलाज
सब तुम्हारी भलाई के लिए किया...!'
विदा करने से पहले
उसने प्रथम बार कहे
आखिरी शब्द!
***
यूँ ही।