#काव्योत्सव२ #प्रेरणादायक

समझ...

अगर जिंदगी में सफल होना चाहे,
तो तू अपनी हार को जीत समझ |

जो खोया उससे अच्छा हासील करना करना चाहे,
तो तू उस खोये को, जगह पाने की समझ |

बेह गये आँसु अगर, अब नया देखना चाहे,
तो तू नझरीयाँ अपना बदलना समझ |

प्रक्रिती को अपना होसला दिखाना चाहे,
तो तू विश्वास मेहनत पर करना समझ |

रोशनी खुद की अगर फैलाना चाहे,
तो तू दोस्ती अंधेरे की समझ |

फूल बनके हासील खूबसुरती और महेक करना चाहे,
तो तू मिट्टि मे छुपे उजास धुप समझ |

अगर खुशीओ को चारो तरफ फैलाना चाहे,
तो तू दर्द को भी खूशी का नाम समझ |

खूदा को अगर हासील करना चाहे,
तो तू दुआ में दील बसाना समझ |

चुप-चाप कुछ कर गूजरना चाहे,
तो तू खुदके अंदर के खुद को समझ |

English Poem by Meet Khodiyar : 111158870

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