Listen to वक़्त वक़्त की बात है by himanshu mecwan #np on #SoundCloud
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बदलता हैं रूख़ हर कोई ज़माने मैं ये वक़्त वक़्त की बात हैं
हकीकत मैं जीता हैं कोई कोई फ़साने मैं, वक़्त वक़्त की बात है

इसी लिए शायद शिक़स्त हो गई मेरी जहाँ में
दौड़ ने की जगह लगा था बैसाखियां बनाने मै, वक़्त वक़्त की बात है

उसके सफ़र की सलामती की दुआ कर रहा था
और वो चले थे मुझसे ही दूरियां बढ़ाने मैं, वक़्त ककत की बात हैं

हुआ न मुक्कमल तो खेल ख़त्म क्यों नहीं करते ?
क्या मजा आ रहा है मुझे इतना सताने मैं, वक़्त वक़्त की बात है

आज भी मैं सुबह उस तस्वीर को ताड़ता रहेता हूँ
सदियां लग सकती हैं शायद उसे भूलने भुलाने मैं, वक़्त वक़्त की बात हैं

हिमांशु

Hindi Shayri by Himanshu Mecwan : 111145155

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