हर उड़ान के लिए हौसलों की जरूरत है
नेक कामों के लिए नीयत की जरूरत है
कारवां की चाह में चलना न रोक देना
कदम अकेले ही तो बढ़ाने की जरूरत है
-ऋता

Hindi Shayri by RITA SHEKHAR MADHU : 111143111

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