हर सूबह हर शाँम एकबार याद किया करते थे

जीत हो या हार एक दुसरे का साथ दिया करते थे

ऊलजनो के वक्त मे एक दुसरे का सहारा बना करते थे

कभी हम तुमसे तो तुम हमसे रुठ जाया करते थे

फिर वेसे ही तुम हम्हें और हम तुम्हें मनाया करते थे

कल की तो बात हे जब घंटो तक गप्पे लगाया करते थे

और कल होते ही हम अपनी अपनी दुनिया मे खो जायेंगे

खेर वक्त के साथ कभी हम भी बदल जायेंगे

करते हे वादा खुद से इस दोस्ती को कभी ना भूल पायेगें

- माधुरी वाघसणा

English Shayri by Madhuri Vaghasana : 111117694

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