शिकवा भी क्या करता किसी से मंजिले-ए-दौर में
रूह भी जब मेरी चमक से जलने लगी थी।।

एड.नवीन बिलैया(निक्की भैया)
सामाजिक एवं लोकतांत्रिक लेखक

Hindi Shayri by एड. नवीन बिलैया लेखक : 111084322

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