"मुझे हराने के लिए देखो मेरी
किस्मत ही मेरे खिलाफ खड़ी है
जी रहा हु ऐसे जिंदगी मानो
मेरी लाश कब्र में पड़ी है"

"हिसाब किताब करदो मेरा
मुझे अब कुछ नही कहना तुमसे
बहुत रुलाया है ना मैने ?
दूर होकर अब खुश होना मुझसे"

"जिन्दगी तूने पटक दिया मुझे
लगता है तू लड़ने में ही राजी है
तूने अपनी चाल चल ली ना?
अब इस शतरंज में मेरी बाजी है'

लेखक - पवन सिंह सिकरवार
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