अरमां तो दिल में वो छुपा न सके,
जुबान से भी हमको बता न सके।
जाने क्यों खुद में उलझे रहे 'रण'-
जो #दहलीज इश्क़ की बना न सके।।

अंशुल पाल 'रण'
जीरकपुर,मोहाली(पंजाब)

English Shayri by Anshul Pal : 111067487

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