लगभग एक ही समय पर सुरेश और राहुल घर पहुँचें तो पूछताछ शुरू हो गई।
"बताओ ये सिगरेट का पैकेट किसका है?"सुरेश की पत्नी रमा ने पूछा,
"ये पैकेट मेरा है।"सुरेश ने कहा,
"पर आपने तो 15 साल पहले ही.......।"रमा कहते-कहते रूक गई,
"यही न छोड़ दी थी, पर जब कभी बहुत ज्यादा तलब लगती है तो छत पर जाकर पी लेता हूँ,पर तुम्हारी कसम आज के बाद बिल्कुल नहीं पीऊँगा"।सुरेश ने सिगरेट का पैकेट रमा से लिया और डस्टबिन में डालते हुए कहा,
मामला वहीं शांत हो गया।
तभी थोड़ी देर बाद राहुल सुरेश के कमरे में पहुँचा और बोला,"पापा मुझे माफ़ कर दो,मैं जिंदगी में सिगरेट तो क्या किसी भी तरह का नशा नहीं करूँगा और कॉलेज में ऐसे लड़कों का साथ भी छोड़ दूँगा।
"कोई बात नहीं बेटा, दोबारा ऐसी गलती मत करना,गलत आदतों और गलत दोस्तों से हमेशा दूर रहो।"
"ठीक है पापा, पर आपने ये इल्ज़ाम अपने सिर क्यों लिया।"
"बेटा #दोस्ती का यही उसूल है कि दोस्त पर कोई मुसीबत आये तो उसका साथ दो और अगर कभी मुझ पर कोई मुसीबत आयेगी तो क्या तुम मेरा साथ नहीं दोगे?"
"दूँगा पापा जरूर दूँगा।"
इतना कहते ही राहुल रोते-रोते अपना पापा के गले से लग गया।

पूर्णतया स्वरचित,स्वप्रमाणित
सर्वाधिकार सुरक्षित

अंशुल पाल 'रण'
जीरकपुर, मोहाली(पंजाब)

English Funny by Anshul Pal : 111063725

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