#LoveYouMammy
........एक खत माँ के नाम........
प्यारी माँ,
आज मेरी यह पाती तुम्हें समर्पित है। जानती हो माँ, जब मैंने शब्द लिखना सीखा था तब सबसे पहला शब्द 'माँ' ही लिखा लेकिन तब मैं इस शब्द की शक्ति से अनजान थी। मुझे इसका असली अर्थ तब समझ में आया जब मैं खुद माँ बनी।
जानती हो न माँ कि माँ शब्द म+आं से मिलकर बनता है। जिसमें एक व्यंजन है और एक स्वर। यहाँ 'म' मैं हूँ और 'आं' तुम। जिस तरह स्वर के बिना व्यंजन अधूरा है उसी तरह तुम्हारे बिना मेरा कोई अस्तित्व नहीं माँ। तुम हो इसलिए मैं हूँ। तुम हो इसलिए नेह का बंधन है। तुम हो इसलिए मेरा संसार है। तुम हो इसलिए.......ओह माँ! तुम हो इसलिए मेरा जीवन है।
आपकी लाडली