हमारा व्यवहार गणित के ' शून्य ' की तरह होना चाहिये जो स्वयं कोई क़ीमत नहीं रखता लेकिन दूसरों के साथ जुड़ने पर , उसकी ' क़ीमत ' बड़ा देता हे ! .....?

English Blog by Bhavesh Tailor : 111041224

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