#MKGANDHI
मेरे लिये गांधी एक सोच है..!
बदलाव का नया रूप हैं..!

आज़ादी के अमृत मंथन से निकली ऐसी आँधी,
अहिंसा का दामन थामे जो जन्मे वो थे गाँधी |
सत्याग्रह की सोच लिये जो अड़े रहें वो थे गाँधी,
अंतिम सांस तक देशहित की सोचते रहें वो थे गाँधी |
पर आजकल हमें तो बस नोटोंपर दिखते हैं गाँधी |
जितने ज्यादा गाँधी उतनी परिवार की चाँदी |
हर नोट से गर बापू आ जाय तो उड़ेगी फिरसे आँधी |
आतंक,भ्रष्टाचार से जूझने क्या लौटेंगे फिर गाँधी ?
ये जंग हमारी अपनी हैं, बस्स दिलोंमें बसा लो गाँधी |
बापू की विचारधारा से जो खुद का मंथन कर लेगा,
हर भारतवासी के मन में तब जी उठेंगे गाँधी |
सोच बदलनी बाकी हैं , सब देख रहे हैं गाँधी |
अपनी अपनी जेबें टटोलो हँसते दिखेंगे गाँधी |

By Dipti Methe

Hindi Shayri by Dipti Methe : 111035528
Shobha Tikam 6 years ago

सही सोच.सही विचार.

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